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इस राज्य की सरकार ने किया अग्निवीरों के लिए नया पैकेज का ऐलान, जानिए क्या मिला

सरकार ने अग्निवीरों की शहादत पर उनके परिवारों को "कारगिल पैकेज" देने का ऐलान किया है।

राजस्थान सरकार ने अग्निवीरों की शहादत पर उनके परिवारों को "कारगिल पैकेज" देने का ऐलान किया है। यह निर्णय सोमवार को विधानसभा सत्र में लिया गया, जब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अग्निवीरों को दिए जाने वाले राहत पैकेज पर सवाल उठाया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घोषणा की कि अग्निवीरों के परिवारों को नकद राशि, जमीन, और सरकारी नौकरी की सुविधाएं मिलेंगी।

शहीद अग्निवीरों के लिए विशेष सुविधाएं

राजस्थान सरकार ने कहा कि अग्निवीर भी सशस्त्र सेनाओं का हिस्सा हैं और यदि उन्हें युद्ध में शहीद (बैटल कैजुअल्टी) घोषित किया जाता है, तो उनके परिवारों को कारगिल पैकेज के तहत सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस पैकेज के तहत शहीद अग्निवीर की पत्नी को 25 लाख रुपये नकद, 25 बीघा नहरी जमीन या एमआईजी मकान, और सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा, बच्चों की फ्री शिक्षा, माता-पिता को 5 लाख की एफडी, और रोडवेज में फ्री यात्रा की सुविधा भी शामिल है।

बच्चों की शिक्षा और अन्य सुविधाएं

शहीद अग्निवीर के बच्चों को स्कूल से लेकर इंजीनियरिंग, मेडिकल और सामान्य कॉलेज में मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। साथ ही, स्कूल जाने वाले बच्चों को प्रतिवर्ष 1800 रुपये और कॉलेज जाने वाले बच्चों को 3600 रुपये की स्कॉलरशिप मिलेगी। शहीद के नाम से स्कूल, अस्पताल, पंचायत भवन, मार्ग, या पार्क का नामकरण भी किया जाएगा। 

राज्य सरकार का समर्थन

राजस्थान सरकार ने अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का भी ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस, जेल प्रहरी और वन रक्षक भर्ती में अग्निवीरों को आरक्षण मिलेगा। राज्य सरकार ने अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का प्रावधान कर राजस्थान को देश का पहला राज्य बना दिया है, जिसने ऐसी सुविधाएं प्रदान की हैं।

सियासी डैमेज कंट्रोल का प्रयास

यह निर्णय पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों से पहले सियासी डैमेज कंट्रोल के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले, 14 फरवरी 2019 को गहलोत सरकार ने शहीद की पत्नी और अविवाहित शहीद के माता-पिता को मिलने वाले सम्मान भत्ते में वृद्धि करके इसे 3000 से 5000 रुपये किया था और माता-पिता की एफडी को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया था।

राजस्थान सरकार का यह कदम न केवल शहीदों के परिवारों को सम्मान और सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि इसे एक महत्वपूर्ण सामाजिक और सियासी पहल के रूप में भी देखा जा रहा है।