डर से सामना: छोटे भैसें की कहानी
डर से सामना: छोटे भैसें की कहानी
जंगली भैसों का एक झुण्ड जंगल में घूम रहा था। तभी एक छोटे भैसे ने पुछा -पिता जी क्या इस जंगल में ऐसी कोई चीज है जिससे डरने की ज़रुरत है ?
बस शेरों से सावधान रहना.. भैंसा बोला।
हाँ , मैंने भी सुना है कि शेर बड़े खतरनाक होते हैं।अगर कभी मुझे शेर दिखा तो मैं जितना हो सके उतनी तेजी से दौड़ता हुआ भाग जाऊँगा, छोटा भैसा बोला।
नहीं इससे बुरा तो तुम कुछ कर ही नहीं सकते भैंसा बोला।
छोटा भैसा को ये बात कुछ अजीब लगी, वह बोला, क्यों ? वे खतरनाक होते हैं, मुझे मार सकते हैं तो भला मैं भाग कर अपनी जान क्यों ना बचाऊं ?
भैंसा समझाने लगा अगर तुम भागोगे तो शेर तुम्हारा पीछा करेंगे।भागते समय वे तुम्हारी पीठ पर आसानी से हमला कर सकते हैं और तुम्हे नीचे गिरा सकते है। और एक बार तुम गिर गए तो मौत पक्की समझो।
तो.. तो। ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना ? छोटा भैसा ने घबराहट में पुछा।
अगर तुम कभी भी शेर को देखो तो अपनी जगह डट कर खड़े हो जाओ और ये दिखाओ की तुम जरा भी डरे हुए नहीं हो।
अगर वो ना जाएं तो...।
उसे अपनी तेज सींघें दिखाओ और खुरों को जमीन पर पटको।अगर तब भी शेर ना जाएं तो धीरे -धीरे उसकी तरफ बढ़ो और अंत में तेजी से अपनी पूरी ताकत के साथ उस पर हमला कर दो।भैंसे ने गंभीरता से समझाया।
ये तो पागलपन है, ऐसा करने में तो बहुत खतरा है, अगर शेर ने पलट कर मुझ पर हमला कर दिया तो ?? छोटा भैसा नाराज होते हुए बोला।
बेटे अपने चारों तरफ देखो, क्या दिखाई देता है ? भैंसे ने कहा।
छोटा भैसा घूम -घूम कर देखने लगा।उसके चारों तरफ ताकतवर भैंसों का बड़ा सा झुण्ड था।अगर कभी भी तुम्हे डर लगे तो ये याद रखो कि हम सब तुम्हारे साथ हैं।अगर तुम मुसीबत का सामना करने की बजाये , भाग खड़े होते हो तो हम तुम्हे नहीं बचा पाएंगे,लेकिन अगर तुम साहस दिखाते हो और मुसीबत से लड़ते हो तो हम मदद के लिए ठीक तुम्हारे पीछे खड़े होंगे।
छोटा भैसा ने गहरी सांस ली और अपने पिता को इस सीख के लिए धन्यवाद दिया।
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