संगत का असर: ड्राइवर से मंच तक की प्रेरक कहानी
इस कहानी में पढ़िए कैसे अल्बर्ट आइंस्टीन के ड्राइवर ने उनकी जगह भाषण देकर विद्वानों को चौंका दिया और मुश्किल सवाल का जवाब मजेदार ढंग से दिया!
संगत का असर: ड्राइवर से मंच तक की प्रेरक कहानी
आइंस्टीन के ड्राइवर ने एक बार आइंस्टीन से कहा - "सर, मैंने हर बैठक में आपके द्वारा दिए गए हर भाषण को याद किया है।"
आइंस्टीन हैरान!
उन्होंने कहा- "ठीक है, अगले आयोजक मुझे नहीं जानते। आप मेरे स्थान पर वहां बोलिए और मैं ड्राइवर बनूंगा।
ऐसा ही हुआ, बैठक में अगले दिन ड्राइवर मंच पर चढ़ गया और भाषण देने लगा...
उपस्थित विद्वानों ने जोर-शोर से तालियां बजाईं।
उस समय एक प्रोफेसर ने ड्राइवर से पूछा - "सर, क्या आप उस सापेक्षता की परिभाषा को फिर से समझा सकते हैं?"
असली आइंस्टीन ने देखा बड़ा खतरा! इस बार वाहन चालक पकड़ा जाएगा। लेकिन ड्राइवर का जवाब सुनकर वे हैरान रह गए...
ड्राइवर ने जवाब दिया, क्या यह आसान बात आपके दिमाग में नहीं आई?
मेरे ड्राइवर से पूछिए, वह आपको समझाएगा।"
शिक्षा: यह प्रेरक प्रसंग हमें सिखाता है कि हमें असफलताओं से विचलित और निराश नहीं होना चाहिये। दृढ़ निश्चय और निरंतर प्रयास से सफलता अवश्य मिलती है।
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