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सज्जन व्यक्ति और चोर की कहानी

इस कहानी में पढ़िए कैसे” एक सज्जन पुरुष ने चोर को पकड़े जाने से बचाया, जिससे उसकी सोच बदल गई। क्या दयालुता एक अपराधी का हृदय परिवर्तन कर सकती है?

सज्जन व्यक्ति और चोर की कहानी

सज्जन व्यक्ति और चोर की कहानी - Hindi Story

एक बार एक गांव में एक सज्जन पुरूष रहते थे, वे बहुत ही दयालू तथा हृदय ग्राही थे, किसी को भी कभी अपशब्द नहीं कहते थे। जो भी उनके घर आता वे अच्छे से उसका आथित्य सत्कार करते। लोग उनसे सलाह मशविरा लेने आया जाया करते थे।

एक बार एक कैदी जेल से भाग जाता है, पुलिस उसके पीछे लगी रहती है। वह जब गांव के बीच पहुंचता है तो उसे एक घर का दरवाजा खुला दिखता है। वह घर उसी सज्जन पुरूष का था। वह बिना इजाजत के अन्दर प्रवेश करता है।

जैसे ही वह कैदी अन्दर पहुचता है तो वह सज्जन पुरूष बड़ी सौम्यता से कहते है, आइए महाराज आपका स्वागत है। उसे आराम से बिठाता है और कहता है कि तुम कौन हो और कहां से आ रहे हो। वह कैदी कहता है कि मैं रास्ता भटक गया हूं, क्या आप मुझे आज रात रहने की जगह दे सकते हैं। आपका बडा एहसान होगा।

वह पुरूष कहता है- क्यों नहीं आप आराम से यहां रहिए, आप नहा लिजिए मैं आपके लिये खाने सोने की व्यवस्था करता हूं। जब तक वह कैदी नहाता है तब तक वह सज्जन पुरूष उसके लिए सब व्यवस्था करता है। खाने के बाद सब सो जाते हैं। लेकिन उसकी नियत खराब हो जाती है और वह वहां से सोने की चीजें चुरा लेता है और फिर भाग जाता है।

रास्ते में पुलिस उसे पकड़ लेती है। और जब पूछताछ करती है तो वह कहता है कि मैंने उस सज्जन पुरूष के यहां से यह चुराया है। उस कैदी को उस पुरूष के सामने लाया जाता है। लेकिन वह पुरूष कहता है कि यह सोने की वस्तु मैंने ही इसे दान में दी है।

उस कैदी की आंखें खुल जाती है और उस पुरूष से माफी मांगता है। और कहता है कि जब भी तुम्हें किसी चीज की जरूरत हो तो मांग लेना चाहिए ना की चुराना।

शिक्षा: अच्छाई और सहृदयता किसी को भी बदल सकती है, चाहे वह कितना भी गलत रास्ते पर क्यों न हो।